आज के नेता,भारत भाग्य विधाता
अविनीति से धुले हैं,और भ्रस्ताचार के पुतले
अब नेता नाही, सब अभिनेता बन कर रह गये हैं
कार्य कुशलता शून्य हैं,ढोंग के देवता रह गये हैं
अभिनेता सब असमंजस में पद गये , की भाई,
अगर वो अभिनेता हैं तो हम क्या हैं,
हमने कहा ,भाई आप भी नेता बन जाओ ,
अभिनेता अपने आप बन जाओंगे
आईटी से तो परे हो जाओगे , साथ में,
जेल में भी "राजा"कहलाओगे.
राज नेता हमेशा "अमर " होते हैं,
मौत तो बस उसूलों के होती हैं.
पर ये न समझो,नेताओ की बस है चांदी,
इन सब में छुपी है एक आंधी,
कर दिया हैं जिसने बड़ो बड़ों को ख़ाक
नाम के ही सही,अभिनेता बने रहो,
नाम और शोहरत के हमेशा धनिरहो
ये है श्याम की बानी,
छोटा मुह ही साही,लगे सबको सयानी.
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